रांची में पाँच दिसंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र को ध्यान में रखते हुए वित्त विभाग पूरी मजबूती से तैयारी कर रहा है। आठ दिसंबर को दूसरा अनुपूरक बजट प्रस्तुत होना है, जिसे लेकर विभागीय गतिविधियाँ तेज हैं। विभागों को कहा गया है कि प्रस्ताव तय समय में ही जमा किए जाएँ। मंत्री स्वीकृति के बिना कोई भी प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ेगा। यह निर्देश सभी विभागों के लिए समान रूप से लागू है।
बजट प्रबंधन में केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी मुख्य आधार है। यदि योजनाओं में अतिरिक्त राशि की आवश्यकता हो तो उसे अलग से टॉप-अप प्रावधान के रूप में रखा जाएगा। वित्त विभाग ने कहा है कि बजटीय त्रुटियों में सुधार के लिए भी प्रस्ताव भेजना आवश्यक होगा। पिछली अवधि में प्राप्त राशि के उपयोग न होने पर विभागों को रिपोर्ट देना अनिवार्य रहेगा। इस प्रक्रिया से पारदर्शिता और बेहतर वित्तीय प्रबंधन सुनिश्चित होगा।
स्थापना व्यय से जुड़े प्रस्तावों को भी स्पष्ट विवरण के साथ दर्ज करना है। यदि किसी योजना में धन आवंटन पहले से उपलब्ध नहीं है, तो टोकन राशि का अनुरोध किया जाएगा। शेयरिंग पैटर्न में बदलाव के लिए विशेष प्रस्ताव भेजने होंगे। आकस्मिक परिस्थितियों के लिए अलग प्रावधान पर विचार किया जाएगा। रांची में इस समय सरकारी तंत्र पूरी तरह बजट मोड में दिख रहा है।



