अब प्रदूषण बोर्ड पर्यावरणीय क्षति पर दंड लगाने में सक्षम।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (Pollution Control Boards) को बड़ी शक्ति प्रदान की है।

शीर्ष अदालत ने कहा है कि अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर्यावरणीय नुकसान के लिए क्षतिपूर्ति और प्रतिस्थापन क्षति (restitutionary and compensatory damages) लगा सकते हैं। यह फैसला पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग और व्यक्तियों को अब न केवल जुर्माना देना होगा, बल्कि उन्हें पर्यावरण को हुए नुकसान की भरपाई भी करनी होगी। यह निर्णय प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को और अधिक मजबूत और प्रभावी बनाएगा, जिससे वे प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकेंगे। अब तक, बोर्डों के पास दंड लगाने की सीमित शक्तियां थीं, लेकिन इस फैसले के बाद उनकी क्षमता में काफी वृद्धि हुई है।
इस फैसले का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जो भी व्यक्ति या संस्था पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है, उसे उसकी भरपाई करनी पड़े। यह कदम ‘प्रदूषक भुगतान करेगा’ (polluter pays) के सिद्धांत को मजबूती देता है। उम्मीद है कि यह फैसला देश भर में पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को गति देगा और प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद करेगा।