सेना की 380 इन्फैंट्री बटालियनों को अब समर्पित ‘अश्ने’ (अग्नि) ड्रोन प्लाटून से लैस कर दिया गया है। यह कदम उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर सेना की लड़ाकू क्षमता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
महानिदेशक इन्फैंट्री, लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार ने इस आधुनिकीकरण योजना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ‘अश्ने’ ड्रोन प्लाटून में कम से कम चार निगरानी ड्रोन और छह सशस्त्र श्रेणी के ड्रोन शामिल होंगे। लेफ्टिनेंट जनरल कुमार ने यह भी बताया कि इन सशस्त्र ड्रोन में ‘कामिकेज़ ड्रोन’ और सटीक गोला-बारूद गिराने वाले मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) शामिल किए गए हैं। इस नई क्षमता से इन्फैंट्री यूनिट को दुश्मन पर अधिक सटीक हमले करने में मदद मिलेगी।
सेना ने केवल ड्रोन ही नहीं, बल्कि विशेष अभियानों के लिए ‘भैरव’ कमांडो बटालियनों का भी गठन किया है। इन बटालियनों को अगले छह महीनों में पूरी तरह से तैनात करने की योजना है। इसके अलावा, इन्फैंट्री सैनिकों के लिए 4.25 लाख बैटल कार्बाइन की खरीद भी की जा रही है। सेना का यह व्यापक आधुनिकीकरण कार्यक्रम तकनीकी रूप से एक भविष्य के लिए तैयार जमीनी बल बनाने पर केंद्रित है।



