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कच्चाथीवू (श्रीलंका): श्रीलंका के मत्स्य मंत्री रामलिंगम चंद्रशेखर ने भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी को लेकर सतर्क प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने कच्चाथीवू द्वीप में आयोजित दो दिवसीय सेंट एंथनी चर्च उत्सव के दौरान इस मुद्दे पर बयान दिया।

चंद्रशेखर ने भारतीय मछुआरों की रिहाई को लेकर किसी भी बातचीत पर स्पष्ट टिप्पणी करने से बचते हुए कहा कि यह मामला विचाराधीन है।

श्रीलंका के मत्स्य मंत्रालय के पास जलीय और महासागरीय संसाधनों की जिम्मेदारी भी है।

भारतीय विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2020 से 2024 के बीच कुल 1,194 तमिलनाडु मछुआरे श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किए गए।

इनमें 2020 में 74 मछुआरे, 2021 में 143 और 2022 में 229 मछुआरे गिरफ्तार हुए थे।

2023 में भी गिरफ्तारियों की संख्या इसी के आसपास रही।

हालांकि 2024 में यह आंकड़ा दोगुना हो गया और 528 मछुआरे पकड़े गए।

इस अवधि में सात तमिलनाडु मछुआरों की श्रीलंकाई जल क्षेत्र में जान गई।

2021 में पांच और 2024 में दो मछुआरों की मौत की पुष्टि की गई।

तीन हफ्ते पहले श्रीलंकाई अधिकारियों ने 32 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया था।

इसके साथ ही पांच मछली पकड़ने वाली नौकाओं को भी जब्त कर लिया गया था।

श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी का आंकड़ा अब 140 तक पहुंच गया है।

इन सभी पर श्रीलंका के जलक्षेत्र में अवैध रूप से मछली पकड़ने का आरोप है।

एटीवी भारत ने श्रीलंकाई मंत्री चंद्रशेखर से इस मुद्दे पर भारत सरकार के साथ बातचीत के बारे में सवाल किया।

हालांकि उन्होंने इस पर कोई स्पष्ट जानकारी देने से इनकार कर दिया।

तमिलनाडु के नेताओं ने लगातार केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाने की मांग की है।

मछुआरों के परिवारों ने भी सरकार से उनकी सुरक्षित वापसी की अपील की है।

भारत सरकार इस मामले में जल्द समाधान के लिए कूटनीतिक प्रयास कर रही है।

यह मामला भारत और श्रीलंका के बीच बढ़ती समुद्री सीमा विवाद का हिस्सा बन गया है।

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