भुवनेश्वर, ओडिशा: ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में, एक कलाकार ने कचरे को कला में बदलकर शहर को एक नई पहचान दी है। प्रियरंजन बराल नाम के इस कलाकार ने पुराने टायर, जंग लगे लोहे और अन्य कबाड़ को अद्भुत सार्वजनिक कलाकृतियों में बदल दिया है। वह साबित कर रहे हैं कि कचरा भी कला का एक माध्यम हो सकता है।
प्रियरंजन बराल की इस अनोखी पहल ने शहर में लोगों का ध्यान खींचा है। उनकी कलाकृतियाँ, जो अक्सर शहर के सार्वजनिक स्थानों पर लगाई जाती हैं, न केवल देखने में आकर्षक हैं बल्कि पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देती हैं। वह अपनी कला के माध्यम से लोगों को पुनर्चक्रण (recycling) और अपशिष्ट प्रबंधन (waste management) के महत्व के बारे में जागरूक कर रहे हैं।
यह पहल भुवनेश्वर को एक स्वच्छ और कलात्मक शहर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रियरंजन का काम अन्य कलाकारों को भी प्रेरित कर रहा है कि वे पारंपरिक माध्यमों से हटकर कुछ नया सोचें। यह दिखाता है कि कला और पर्यावरण एक साथ काम कर सकते हैं ताकि समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाया जा सके।



