कोर्ट ने जांच अधिकारी (IO) को जल्द से जल्द जांच पूरी करने और मामले की विस्तृत स्थिति रिपोर्ट (Status Report) 3 दिसंबर तक जमा करने का आदेश दिया है। अदालत ने पुलिस की धीमी गति पर अपनी अप्रसन्नता व्यक्त की है।
अदालत ने कहा कि यह मामला काफी समय से लंबित है और जांच को अनावश्यक रूप से खींचा नहीं जाना चाहिए। यह मामला कथित तौर पर चुनावी सामग्री के माध्यम से सार्वजनिक संपत्तियों को विरूपित करने से संबंधित है, जो ‘दिल्ली प्रिवेंशन ऑफ डिफेसमेंट ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट’ के तहत आता है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी भी राजनीतिक या प्रशासनिक दबाव के बिना, निष्पक्ष और समयबद्ध तरीके से जांच पूरी करना आवश्यक है। इससे पहले, पुलिस को कई बार जांच की प्रगति रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया था, लेकिन संतोषजनक प्रगति नहीं हो पाई थी।
न्यायालय का यह निर्देश कानूनी प्रक्रिया की समयबद्धता और लंबित मामलों के त्वरित निपटान के महत्व को रेखांकित करता है। कोर्ट ने उम्मीद जताई है कि पुलिस अब निर्णायक कदम उठाएगी और दिसंबर तक अपनी अंतिम रिपोर्ट या एक ठोस प्रगति रिपोर्ट पेश करेगी। इस मामले में केजरीवाल के खिलाफ लगाए गए आरोपों की सच्चाई जांच पूरी होने के बाद ही सामने आ पाएगी। यह आदेश दर्शाता है कि न्यायपालिका सभी मामलों में समान और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।



