कोलकाता: नौकरी छूटने और पुलिस कार्रवाई के विरोध में शिक्षकों ने रिले भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
आंदोलनकारी शिक्षक बुधवार रात से एसएससी (स्कूल सेवा आयोग) के कार्यालय भवन 'आचार्य सदन' के बाहर धरना दे रहे हैं।
शिक्षकों का यह विरोध प्रदर्शन उनकी नौकरियों को रद्द किए जाने के हालिया सरकारी फैसले के बाद शुरू हुआ है। उनका दावा है कि यह कार्रवाई अन्यायपूर्ण है और उनके करियर को बर्बाद कर देगी। अपनी मांगों को उठाने के लिए, शिक्षकों ने रिले भूख हड़ताल का सहारा लिया है, जिसमें वे बारी-बारी से बिना भोजन के विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
आंदोलनकारी शिक्षकों का कहना है कि उन्हें बिना किसी वैध कारण के उनकी नौकरियों से हटाया जा रहा है और सरकार उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों के खिलाफ पुलिस ने कठोर कार्रवाई की है, जो निंदनीय है।
एसएससी कार्यालय के बाहर शिक्षकों का धरना जारी है, और उनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। विभिन्न शिक्षक संघों और नागरिक समाज संगठनों ने भी इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। उनका कहना है कि शिक्षकों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए और सरकार को उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए।
रिले भूख हड़ताल के तहत, शिक्षकों के समूह बारी-बारी से 24 घंटे का उपवास रख रहे हैं। उनका कहना है कि यह विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मान लेती और उन्हें न्याय नहीं मिलता। शिक्षकों ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने और उनकी नौकरी बहाली के लिए उचित कदम उठाने का आग्रह किया है।
इस बीच, राज्य सरकार की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
शिक्षकों का यह आंदोलन राज्य के शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है, और इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। यदि सरकार जल्द ही कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाती है, तो यह आंदोलन और तेज हो सकता है, जिससे शैक्षणिक गतिविधियों पर भी असर पड़ सकता है।
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