जम्मू में बाढ़ थमने के बाद प्रशासन पुनर्वास चुनौती झेल रहा।
हाल ही में हुई भारी बारिश, बादल फटने और अचानक आई बाढ़ ने दर्जनों गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है।
इससे न केवल सड़कों का संपर्क टूट गया है, बल्कि बिजली और पानी की आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। स्थानीय लोगों के लिए यह स्थिति बहुत मुश्किल हो गई है क्योंकि उनकी रोजमर्रा की जिंदगी पूरी तरह से रुक गई है। कई इलाकों में बचाव कार्य अभी भी जारी हैं, और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीमें मिलकर प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रही हैं। सबसे पहला लक्ष्य लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाना और बुनियादी सुविधाओं को बहाल करना है। सड़क संपर्क को फिर से स्थापित करने के लिए युद्धस्तर पर काम हो रहा है ताकि आवश्यक सामानों की आवाजाही सुनिश्चित की जा सके। बिजली के खंभे और ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे कई गांवों में अंधेरा छाया हुआ है। जल आपूर्ति लाइनों को भी भारी नुकसान पहुंचा है, जिससे लोगों को पीने के पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार ने नुकसान का आकलन करने के लिए टीमें भेजी हैं और प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता देने का वादा किया है। यह एक लंबा और थकाऊ काम होगा, लेकिन प्रशासन पूरी तरह से प्रतिबद्ध है कि जल्द से जल्द हालात सामान्य हो सकें। हालांकि, प्राकृतिक आपदा की भयावहता को देखते हुए, यह साफ है कि जम्मू क्षेत्र को पूरी तरह से ठीक होने में समय लगेगा। इस मुश्किल घड़ी में, स्थानीय लोग और प्रशासन मिलकर इस चुनौती का सामना कर रहे हैं।



