लेकिन अब तक मयंक को भारत नहीं लाया जा सका है।
रांची, झारखंड: झारखंड का कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह अभी तक अजरबैजान से भारत प्रत्यर्पित नहीं हो पाया है,

जिससे भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों में चिंता बढ़ गई है। भारतीय अदालतों से प्रत्यर्पण की मंजूरी मिलने और सभी आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा किए जाने के बावजूद, अजरबैजान की ओर से अंतिम मंजूरी का इंतजार है। इस अप्रत्याशित देरी ने इस हाई-प्रोफाइल मामले में कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
सूत्रों के अनुसार, मयंक सिंह झारखंड में कई गंभीर आपराधिक मामलों में वांछित है, जिसमें जबरन वसूली, हत्या के प्रयास और संगठित अपराध के आरोप शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय प्रत्यर्पण प्रक्रियाएं अपनी जटिल प्रकृति के लिए जानी जाती हैं, जिनमें दोनों देशों की कानूनी प्रणालियों, कूटनीतिक संबंधों और विभिन्न नौकरशाही प्रक्रियाओं का सामंजस्य शामिल होता है। अजरबैजान की ओर से इस विलंब के संभावित कारणों में उनके अपने देश के भीतर कानूनी समीक्षा, दस्तावेजों का गहन सत्यापन, या द्विपक्षीय प्रोटोकॉल से संबंधित आंतरिक प्रक्रियाएं शामिल हो सकती हैं, जिनमें अपेक्षित समय से अधिक लग रहा है।
मयंक सिंह का भारत प्रत्यर्पण झारखंड में कई आपराधिक नेटवर्क को तोड़ने और न्याय सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। भारतीय अधिकारी अजरबैजान के समकक्षों के साथ लगातार संपर्क में हैं ताकि इस प्रक्रिया को तेज किया जा सके। इस देरी के बावजूद, भारत सरकार और झारखंड पुलिस मयंक सिंह को वापस लाने और उसे न्याय के कटघरे में खड़ा करने के लिए प्रतिबद्ध है।