रांची : सर्दी का तेजी से बढ़ना केवल मौसम परिवर्तन का संकेत नहीं, बल्कि जलवायु बदलाव के बढ़ते प्रभाव का भी उदाहरण है। झारखंड में लगातार गिरते तापमान इसका स्पष्ट नमूना है।
शीतलहर की चेतावनी जारी होना यह दिखाता है कि राज्य प्रशासन को ठंड से निपटने की रणनीति और मजबूत करनी होगी। स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग को भी अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए।
यह समय है कि जलवायु बदलाव को समझकर लंबी अवधि की योजनाएं बनाई जाएं। सर्दी पर नियंत्रण संभव नहीं, लेकिन तैयारी से इसके दुष्प्रभाव कम किए जा सकते हैं। यह चेतावनी आगे की सर्द रातों का संकेत भी है।



