झारखंड में गो सेवा को लेकर दो दिवसीय कार्यशाला का ऐलान.
19-20 जून को देशभर के विशेषज्ञ होंगे शामिल

प्रेस वार्ता में आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद, उपाध्यक्ष राजू गिरी, सचिव डॉ. संजय प्रसाद, निबंधक डॉ. मुकेश मिश्रा एवं पशु चिकित्सक डॉ. प्रभात पांडे उपस्थित रहे। इस कार्यशाला का विषय “पारिस्थितिकी संतुलन एवं आधुनिकता के परिप्रेक्ष्य में गो सेवा की चुनौतियां और संभावनाएं” रखा गया है। इसमें देश के कई राज्यों से विशेषज्ञ, गौशाला संचालक, उद्यमी और प्रतिनिधि भाग लेंगे।
अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि यह आयोजन गो संरक्षण और संवर्धन के लिए झारखंड की नीति को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला से गौ पालकों, गोशाला समितियों और गो आधारित स्टार्टअप्स को मार्गदर्शन मिलेगा। उन्होंने कहा कि गाय न केवल हमारी संस्कृति में पूज्य है, बल्कि उसके उत्पाद जैसे दूध, गोबर और मूत्र से पोषण, ऊर्जा, खेती और आयुर्वेद तक का जुड़ाव है। बदलती जीवनशैली, शहरीकरण और स्वदेशी नस्लों की उपेक्षा ने समाज में कई स्वास्थ्य और पर्यावरणीय संकट खड़े कर दिए हैं, जिनका समाधान गो सेवा में ही निहित है।
उपाध्यक्ष राजू गिरी ने कहा कि पूर्व सरकारों की उपेक्षा के चलते यह क्षेत्र पिछड़ता गया, परंतु अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में आयोग नीति निर्माण और राज्य के विकास में भागीदारी निभा रहा है। इस कार्यशाला में चार तकनीकी सत्र होंगे, जिनमें गौ उद्यमिता, पंचगव्य चिकित्सा, नस्ल संरक्षण, A2 दूध का महत्व और गो सुरक्षा कानून पर चर्चा होगी। जिनमें उनके कार्यों का प्रदर्शन होगा।