आईआईटी मंडी के वैज्ञानिकों ने बनाई आर्टिफिशियल स्किन, रोबोटिक हाथों को मिलेगा स्पर्श का एहसास.
हिमाचल प्रदेश के आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं ने कृत्रिम त्वचा (आर्टिफिशियल स्किन) तैयार की है।

यह आर्टिफिशियल स्किन रोबोटिक हाथों को वस्तुओं को महसूस करने में सक्षम बनाएगी।
आमतौर पर अम्प्यूटेड हाथ के स्थान पर लगाए गए रोबोटिक हाथों को चीजें छूने का अहसास नहीं होता।
शोधकर्ताओं के अनुसार, अब आर्टिफिशियल स्किन के जरिये यह संभव हो सकेगा।
आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर श्रीकांत ने जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि रोबोटिक हाथ आमतौर पर मानव मस्तिष्क के संकेतों को पढ़ने में असमर्थ होते हैं।
हालांकि, उनकी टीम द्वारा तैयार आर्टिफिशियल स्किन इस समस्या को हल कर सकेगी।
इस स्किन को PDMS सब्सट्रेट और हाइड्रोजेल से तैयार किया गया है।
यह स्किन चीजों को महसूस करने के अलावा उनकी बनावट और तापमान भी पहचान सकेगी।
टमाटर को हल्के दबाव से पकड़ना पड़ता है जबकि आलू को ज्यादा दबाव से।
आर्टिफिशियल स्किन के जरिए रोबोटिक हाथ इस अंतर को महसूस कर पाएगा।
यह स्किन ठंडी और गर्म वस्तुओं के बीच का अंतर भी जान पाएगी।
इस शोध पर पिछले दो वर्षों से 12 सदस्यीय टीम काम कर रही थी।
पूरा शोध कार्य आईआईटी मंडी में ही किया गया है।
फिलहाल इस मॉडल को प्रारंभिक चरण में तैयार किया गया है।
आर्टिफिशियल स्किन को ग्लव्स में लगाकर चीजों को पकड़ने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
यह स्किन डॉक्टरों और नर्सों के लिए सहायक के रूप में भी काम कर सकेगी।
इससे चिकित्सा क्षेत्र में कार्य करने में आसानी होगी।
श्रीकांत के अनुसार, यह शोध भविष्य में बड़ी तकनीकी क्रांति साबित हो सकता है।
इस खोज को विज्ञान के क्षेत्र में एक अहम कदम माना जा रहा है।