‘नक्सलियों के पास सरेंडर ही एकमात्र विकल्प’.
बस्तर आईजीपी, 19 महीनों में 1,550 ने डाले हथियार.

बस्तर, छत्तीसगढ़: बस्तर क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान निर्णायक चरण में पहुंच गया है, और पुलिस का कहना है कि अब नक्सलियों के पास आत्मसमर्पण (Surrender) ही एकमात्र विकल्प बचा है। पिछले 19 महीनों में 1,550 नक्सलियों द्वारा हथियार डालने की यह संख्या सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता को दर्शाती है।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IGP) पी. सुंदरराज ने कहा कि नक्सल विरोधी अभियान अब एक निर्णायक चरण में पहुंच गया है और नक्सलियों को बेअसर करने के लिए तलाशी अभियान तेज कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव, सरकार की आत्मसमर्पण नीति और स्थानीय लोगों के समर्थन के कारण बड़ी संख्या में नक्सली मुख्यधारा में लौट रहे हैं। यह स्थिति क्षेत्र में शांति और विकास की उम्मीद जगाती है।
आईजीपी सुंदरराज ने आगे कहा कि जो नक्सली आत्मसमर्पण नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बल रणनीतिक रूप से आगे बढ़ रहे हैं और सुदूरवर्ती इलाकों में भी अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं। इस अभियान का उद्देश्य नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करना और बस्तर को विकास की राह पर लाना है।