बहरागोड़ा के एकताल गांव में हुई बाइक दुर्घटना केवल एक हादसा नहीं है। यह सड़क सुरक्षा की लापरवाही का परिणाम भी है। चार लोगों का घायल होना एक बड़े चेतावनी संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
सुकुमार मुंडा और उनकी मां अपने गंतव्य की ओर जा रहे थे। सामने से दीपांकर मुंडा अपनी बच्ची के साथ लौट रहे थे। दोनों दिशाओं से आती बाइकों का संतुलन बिगड़ते ही टक्कर हो गई।
हादसे में बच्ची सहित सभी घायल हो गए। ग्रामीणों ने तत्परता दिखाई और तुरंत अस्पताल पहुंचाया। यह मानवीयता का मजबूत उदाहरण बना।
लेकिन सवाल उठता है कि ऐसी दुर्घटनाएं बार-बार क्यों हो रही हैं। क्या सड़क पर निगरानी पर्याप्त है। क्या जागरूकता अभियान समय पर चलाए जा रहे हैं।
डॉक्टरों ने बताया कि दो घायलों की हालत गंभीर है। उन्हें बारीपदा रेफर किया गया है। यह दर्शाता है कि हादसे कितने खतरनाक हो सकते हैं।
महिला और बच्ची को स्थानीय अस्पताल में इलाज मिल रहा है। उनकी देखभाल ठीक तरीके से की जा रही है।
पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। सड़क की स्थिति को लेकर भी रिपोर्ट तैयार हो रही है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से सख्त कदम उठाने की अपील की है।
भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकना जरूरी है। सड़क पर जागरूकता ही सबसे बड़ा समाधान है।
यह हादसा एक सीख भी है कि सावधानी ही सुरक्षा है।



