गुमला और आसपास के इलाकों में वर्षों से फैले डर के माहौल में अब बदलाव की शुरुआत दिखाई दे रही है. 2002 में सक्रिय हुए झांगुर गिरोह ने अपने उग्रवाद, हिंसा और फिरौती से गांवों को वर्षों तक डराया. लेकिन अब खबर है कि इसका सरगना रामदेव उरांव पुलिस के संपर्क में है.
गांव के लोगों का कहना है कि अगर यह गिरोह समर्पण करता है, तो यह क्षेत्र के इतिहास का सबसे बड़ा बदलाव होगा. पुलिस भी इसे बड़ी उपलब्धि मान रही है, क्योंकि गिरोह पर 50 से अधिक गंभीर मामले दर्ज हैं. प्रशासन का कहना है कि समर्पण के बाद पुनर्वास कार्यक्रम भी चलाया जाएगा.
इस घटनाक्रम से ग्रामीणों में भरोसा लौटा है. लोग कह रहे हैं कि अब बच्चे बिना डर स्कूल जा सकेंगे और पंचायत क्षेत्र में विकास की योजनाएं आगे बढ़ सकेंगी.



