बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को एक जबरन वसूली के मामले में जमानत दे दी है, जिससे उसकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज कराए गए इस जबरन वसूली के मामले में जांच दल द्वारा पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर पाने के कारण अदालत ने यह फैसला सुनाया।

न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की एकल पीठ ने इकबाल कासकर की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष कासकर के खिलाफ ठोस सबूत पेश करने में विफल रहा है जो उसे आगे हिरासत में रखने को न्यायोचित ठहरा सके। अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि किसी व्यक्ति को केवल संदेह के आधार पर अनिश्चित काल तक जेल में नहीं रखा जा सकता है और कानून के अनुसार, जमानत एक नियम है, जबकि जेल एक अपवाद।
इकबाल कासकर को ईडी ने 2019 में एक प्रॉपर्टी डीलर से कथित तौर पर जबरन वसूली के एक मामले में गिरफ्तार किया था। उस पर दाऊद इब्राहिम के नाम पर लोगों को धमकाने और उनसे पैसे ऐंठने का आरोप था। हालांकि, सुनवाई के दौरान, बचाव पक्ष के वकील ने तर्क दिया कि ईडी कासकर के खिलाफ कोई प्रत्यक्ष प्रमाण पेश करने में विफल रही है जो उसे अपराध से जोड़ सके। अदालत ने बचाव पक्ष के तर्कों को स्वीकार करते हुए कासकर को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।