
डॉ. कस्तूरीरंगन ने इसरो के अध्यक्ष के रूप में नौ साल तक सेवा की और इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण मिशनों का नेतृत्व किया, जिनमें चंद्रयान-1 और मंगलयान जैसे ऐतिहासिक मिशन शामिल हैं। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में, भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं।
डॉ. कस्तूरीरंगन को उनके योगदान के लिए पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री जैसे कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। वे न केवल एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक थे, बल्कि एक विनम्र और प्रेरक व्यक्ति भी थे। उनके निधन से भारतीय वैज्ञानिक समुदाय और देश को गहरा आघात लगा है। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा और वे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे।