रांची : भगवान बिरसा मुंडा की जयंती वर्ष मनाने का अर्थ केवल आयोजन नहीं, बल्कि उनके विचारों को आत्मसात करना है।
केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ने इस दिशा में सराहनीय कदम उठाया है। ‘स्वाभिमानी बिरसा-2025’ अभियान युवाओं में आत्मगौरव और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना भर रहा है।
जन-जातीय गौरव यात्रा ने छात्रों को न सिर्फ इतिहास बताया बल्कि प्रेरणा भी दी। उलिहातू से डोंबारी बुरु तक की यात्रा ने बलिदान की परंपरा का स्मरण कराया।
यह आयोजन बताता है कि विश्वविद्यालय सिर्फ शिक्षा का केंद्र नहीं, समाज निर्माण का माध्यम भी है। बिरसा के विचार सदैव अमर रहेंगे।



