मणिपुर में कुकी-जो विद्रोही अपने शिविरों की संख्या घटाएंगे।
नई दिल्ली/इंफाल: मणिपुर में शांति प्रक्रिया को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, कुकी-जो विद्रोही समूहों ने अपने नामित शिविरों की संख्या को 14 से घटाकर 10 करने का फैसला किया है।

यह निर्णय हाल ही में नई दिल्ली में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में लिया गया, जो क्षेत्र में तनाव कम करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
समझौते के तहत (SoO – Suspension of Operations) समूह भी एक विधानमंडल के साथ एक केंद्र शासित प्रदेश (UT) की अपनी मांग पर जोर दे रहे हैं। यह लंबे समय से चली आ रही उनकी एक प्रमुख राजनीतिक मांग है, जो उनकी पहचान और स्वायत्तता की आकांक्षा को दर्शाती है। शिविरों की संख्या कम करने का कदम, सरकार के साथ चल रही शांति वार्ता में विश्वास बहाली के उपाय के रूप में देखा जा रहा है। इसका उद्देश्य निगरानी और प्रबंधन को बेहतर बनाना भी है।
इस कदम से मणिपुर में जातीय हिंसा और संघर्ष को समाप्त करने के प्रयासों को बल मिलने की उम्मीद है। सरकार और इन समूहों के बीच चल रही बातचीत में यह एक महत्वपूर्ण विकास है। यह देखना होगा कि इस निर्णय का राज्य में शांति और स्थिरता पर क्या दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है और केंद्र शासित प्रदेश की मांग पर सरकार का क्या रुख रहता है।