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मद्रास हाईकोर्ट का आदेश: ‘आनंद विकटन’ की वेबसाइट बहाल करने के निर्देश.
चेन्नई: मद्रास हाईकोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह तमिल पत्रिका 'आनंद विकटन' की वेबसाइट को दोबारा चालू करे।
साथ ही कोर्ट ने पत्रिका को विवादित कार्टून हटाने का आदेश दिया।
मामले के प्रमुख बिंदु:
- ‘विकटन प्लस’ में प्रकाशित एक कार्टून को लेकर वेबसाइट ब्लॉक कर दी गई थी।
- पत्रिका ने आरोप लगाया कि केंद्र ने बिना किसी पूर्व सूचना के वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया।
- पत्रिका ने इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी।
- न्यायमूर्ति पार्थसारथी ने मामले की सुनवाई की।
- विकटन के वकील विजयनारायणन ने दलील दी कि यह मीडिया की स्वतंत्रता पर प्रहार है।
- कार्टून प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर एक व्यंग्य था।
- बीजेपी तमिलनाडु अध्यक्ष के. अन्नामलाई की शिकायत पर वेबसाइट ब्लॉक की गई थी।
- कार्टून अमेरिका से निर्वासित भारतीयों के प्रति पीएम मोदी की प्रतिक्रिया पर आधारित था।
- विजय नारायणन ने कोर्ट में तर्क दिया कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला नहीं था।
- मंत्रालय ने आईटी एक्ट, 2000 की धारा 69ए के तहत वेबसाइट को बंद कराया।
- इस कानून के तहत सरकार किसी भी वेबसाइट को राष्ट्रीय सुरक्षा या संप्रभुता के नाम पर ब्लॉक कर सकती है।
- केंद्र सरकार ने बिना किसी स्पष्ट कारण के वेबसाइट को प्रतिबंधित कर दिया।
- कोर्ट ने कहा कि सरकार को मीडिया संस्थानों पर प्रतिबंध लगाने से पहले उचित प्रक्रिया अपनानी चाहिए।
- पत्रिका ने सरकार से इस कार्रवाई का कारण पूछा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
- वेबसाइट पर प्रतिबंध से पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर सवाल उठे।
- अदालत ने सरकार को निर्देश दिया कि वह वेबसाइट पर से प्रतिबंध हटाए।
- पत्रिका को विवादित सामग्री हटाने को कहा गया ताकि किसी प्रकार का तनाव न बढ़े।
- सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर काफी चर्चा हुई।
- मीडिया संस्थानों ने इस फैसले का स्वागत किया और इसे प्रेस की स्वतंत्रता की जीत बताया।
- यह मामला भविष्य में डिजिटल मीडिया पर सरकारी नियंत्रण को लेकर एक अहम मिसाल बनेगा।