मध्यप्रदेश के जंगलों में दिखे दुर्लभ लंबे चोंच वाले गिद्ध।
पुनरुद्धार के संकेत भोपाल, मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के जंगलों से पर्यावरणविदों और वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक बेहद खुशखबरी सामने आई है।

राज्य के करनपुरा वन क्षेत्र में दुर्लभ लंबे चोंच वाले गिद्धों (Long-Billed Vultures) का एक झुंड देखा गया है, जो इस गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजाति के संभावित पुनरुद्धार का संकेत है। यह ‘आशा की उड़ान’ वन्यजीव संरक्षण प्रयासों के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
लंबे चोंच वाले गिद्धों की आबादी पिछले कुछ दशकों में तेजी से घटी है, जिसका मुख्य कारण पशुधन को दी जाने वाली डिक्लोफेनाक नामक दवा है, जो गिद्धों के लिए जहरीली साबित हुई है। इस प्रजाति का दिखना एक सकारात्मक संकेत है कि संरक्षण के प्रयास, जैसे कि डिक्लोफेनाक पर प्रतिबंध और सुरक्षित आवासों का निर्माण, रंग ला रहे हैं। इन पक्षियों का पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि वे सफाईकर्मी के रूप में कार्य करते हैं, जिससे बीमारियों के प्रसार को रोकने में मदद मिलती है।
वन विभाग के अधिकारियों ने इस sighting पर खुशी व्यक्त की है और कहा है कि वे इन गिद्धों की निगरानी जारी रखेंगे। यह घटना अन्य लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के लिए भी प्रेरणा का काम करेगी और यह साबित करती है कि यदि उचित प्रयास किए जाएं तो प्रकृति को पुनर्जीवित किया जा सकता है।