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रूपेश कुमार मामला फिर सुर्खियों में, निलंबन पर बढ़ी चर्चा.

पत्नी की अपील के बावजूद गंभीर आरोपों में राहत नहीं मिली.

रांची : राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रूपेश कुमार का निलंबन एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है। मामला एक दशक पुराना है, जिसमें उन पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जाति प्रमाण-पत्र हासिल किया और जेपीएससी की परीक्षा पास की। इस आरोप ने उनकी प्रशासनिक करियर को लंबे समय से प्रभावित किया है।
वर्ष 2016 में उन्हें कारण पृच्छा भेजी गई थी, पर उन्होंने इसका उत्तर नहीं दिया और कानूनी प्रक्रिया का सहारा लिया। झारखंड हाईकोर्ट के 18 जुलाई 2024 के आदेश ने इस प्रकरण को फिर से सक्रिय कर दिया। ऐसे में उनकी पत्नी ने विभाग में आवेदन देकर बताया कि निलंबन के कारण परिवार मानसिक और आर्थिक संकट झेल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि गर्भवती होने के कारण स्थिति अधिक चुनौतीपूर्ण हो गई है।
हालांकि विभागीय समीक्षा में यह माना गया कि आरोप गंभीर हैं और जांच पूरी होने से पहले निलंबन हटाना उचित नहीं होगा। इसलिए सरकार ने निलंबन को यथावत रखते हुए उनकी पोस्टिंग हजारीबाग में निर्धारित कर दी है। मामले पर प्रशासनिक हलकों में लगातार चर्चा बनी हुई है।

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