
इस परियोजना के लिए सिग्नलिंग और दूरसंचार प्रणालियों का महत्वपूर्ण ठेका सीमेंस कंसोर्टियम को प्रदान किया गया है। यह करार देश में हाई-स्पीड रेल नेटवर्क के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा, जिससे परियोजना के तकनीकी पहलुओं को मजबूती मिलेगी और सुरक्षित एवं कुशल संचालन सुनिश्चित हो सकेगा। यह भारत के परिवहन क्षेत्र में एक बड़ा निवेश है।
इस महत्वपूर्ण परियोजना को 54 महीनों की अवधि में पूरा किए जाने की उम्मीद है, जिसके बाद सीमेंस बुलेट ट्रेन नेटवर्क के लिए अगले 15 वर्षों तक रखरखाव सेवाएं भी प्रदान करेगा। यह दीर्घकालिक रखरखाव सेवा प्रणाली की जीवनचक्र विश्वसनीयता और दक्षता सुनिश्चित करेगी, जो हाई-स्पीड रेल संचालन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। सीमेंस की वैश्विक विशेषज्ञता और अत्याधुनिक तकनीक इस परियोजना को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने में सहायक होगी। यह समझौता समय पर परियोजना को पूरा करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस ठेके का मिलना बुलेट ट्रेन परियोजना के विभिन्न चरणों में तेजी से हो रही प्रगति का संकेत है। सिग्नलिंग और दूरसंचार प्रणाली किसी भी आधुनिक रेल नेटवर्क की रीढ़ होती है, जो सुरक्षित, समयबद्ध और कुशल ट्रेन संचालन सुनिश्चित करती है। यह परियोजना न केवल तीव्र परिवहन प्रदान करेगी, बल्कि आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगी और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित करेगी। भारत में हाई-स्पीड रेल का सपना अब तेजी से साकार होता दिख रहा है, जिससे भविष्य में देश की यात्रा में क्रांति आएगी।