हीराकुंड में केज कल्चर से युवा मछली पालन में सफल।
संबलपुर, ओडिशा: ओडिशा के हीराकुंड जलाशय में केज कल्चर (Cage Culture) मछली पालन की अनूठी विधि कई युवाओं के लिए आय का स्रोत बन गई है.

साथ ही वे क्षेत्र में दूसरों को भी रोजगार के अवसर प्रदान कर रहे हैं। यह आधुनिक मछली पालन तकनीक स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और युवा सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
हीराकुंड जलाशय में प्रचलित मछली पालन का यह तरीका, जिसमें पानी में बड़े पिंजरों (केज) का उपयोग करके मछलियों को पाला जाता है, बेहद सफल साबित हुआ है। पारंपरिक तरीकों की तुलना में यह कम जगह में अधिक मछली उत्पादन संभव बनाता है। इस तकनीक को अपनाने वाले कई युवा अब न केवल अपनी आजीविका कमा रहे हैं, बल्कि उन्होंने छोटे व्यवसाय स्थापित करके स्थानीय समुदाय के अन्य सदस्यों, विशेषकर बेरोजगार युवाओं को भी काम पर रखा है। यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देने में मदद कर रही है।
केज कल्चर मछली पालन से मिलने वाले आर्थिक लाभ और रोजगार सृजन की क्षमता को देखते हुए, ओडिशा सरकार और स्थानीय प्रशासन इस मॉडल को बढ़ावा देने पर विचार कर रहे हैं। यह सफलता की कहानी दर्शाती है कि सही तकनीक और थोड़े से समर्थन से युवा किस तरह अपने दम पर खड़े हो सकते हैं और अपने समुदायों के लिए भी सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।