उत्तराखंड के रामनगर फॉरेस्ट डिवीजन में पहली बार बाघ जनगणना पूरी.
रामनगर: उत्तराखंड के रामनगर फॉरेस्ट डिवीजन में पहली बार बाघों की जनगणना का आयोजन किया गया है।

इस प्रक्रिया में 350 कैमरा ट्रैप लगाए गए थे, जो 175 अलग-अलग स्थानों पर स्थापित किए गए थे।
जनवरी में शुरू हुई इस जनगणना के लिए देच्छूरी, फतेहपुर और कालाढूंगी रेंज के 480 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में कैमरा ट्रैप लगाए गए थे।
इससे पहले इस डिवीजन को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा हर चौथे साल कराई जाने वाली ऑल इंडिया टाइगर एस्टिमेशन रिपोर्ट का इंतजार करना पड़ता था। लेकिन अब हर साल बाघ गणना की जाएगी।
इस प्रक्रिया को चार चरणों में पूरा किया गया। पहले चरण में बाघों की उपस्थिति का पता लगाने के लिए ट्रांजिट लाइन लगाई गई। दूसरे चरण में सैटेलाइट के माध्यम से इसकी पुष्टि की गई। तीसरे चरण में कैमरा ट्रैप लगाए गए, और चौथे एवं अंतिम चरण में बाघों की गिनती का काम हुआ।
वन विभाग के अनुसार, कैमरा फुटेज का विश्लेषण किया जा रहा है और जल्द ही आधिकारिक आंकड़े जारी किए जाएंगे।
पिछले आंकड़ों के अनुसार, इस डिवीजन में कुल 67 बाघ दर्ज किए गए थे। इस बार उम्मीद जताई जा रही है कि बाघों की संख्या में वृद्धि हो सकती है।
वन विभाग ने कहा कि इस प्रयास से बाघ संरक्षण को लेकर और अधिक प्रभावी कदम उठाने में मदद मिलेगी।