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राज्यसभा में पेश हुआ वक्फ (संशोधन) बिल, किरन रिजिजू ने दी सफाई.

नई दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरन रिजिजू ने गुरुवार को राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) बिल, 2025 पेश किया।

उन्होंने साफ किया कि यह बिल किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है और इसका मकसद सिर्फ वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन करना है।

मुख्य बातें:
किरन रिजिजू ने राज्यसभा में पेश किया वक्फ (संशोधन) बिल, 2025।

बिल का मकसद वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन सुधारना है।

यह मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नहीं है, सिर्फ प्रशासनिक बदलाव लाने के लिए है।

सच्चर कमेटी की सिफारिशों के आधार पर वक्फ बोर्ड में व्यापक सुधार का प्रस्ताव।

लोकसभा में बिल 288-232 के वोट अंतर से पारित हुआ।

रिजिजू ने कहा – ‘बिल धर्म से नहीं, बल्कि संपत्तियों से जुड़ा हुआ है।’

वक्फ बोर्ड में सभी मुस्लिम संप्रदायों को शामिल करने का प्रावधान।

2004 में वक्फ संपत्तियों की संख्या 4.9 लाख थी, जो अब 8.72 लाख हो गई।

बिल का मकसद पिछली सरकारों के अधूरे कामों को पूरा करना है।

विपक्ष से बिल का समर्थन करने की अपील की गई।

सियासी हलचल:
विपक्ष ने बिल को लेकर सरकार पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया।

गौरव गोगोई और असदुद्दीन ओवैसी ने बिल को ‘संविधान विरोधी’ बताया।

रातभर लोकसभा में गरमागरम बहस हुई, जिसके बाद बिल पारित हुआ।

जेडीयू ने सरकार का समर्थन करते हुए इसे सुधारात्मक कदम बताया।

डीएमके ने इस बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की धमकी दी।

कांग्रेस ने कहा कि बिल वक्फ संपत्तियों के अधिकार छीनने की कोशिश है।

सरकार का दावा – ‘बिल से वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता बढ़ेगी’।

बिल के विरोध में कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन शुरू।

राज्यसभा में बिल पर चर्चा के बाद जल्द वोटिंग होने की संभावना।

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