
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को पंजाब का दौरा किया और वहां किसानों से मुलाकात कर फसलों और उत्पादन की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और सरकार इसे और अधिक मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
चौहान ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, “प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण विकसित भारत है, और हम उसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर अथक प्रयास कर रहे हैं। पिछले वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में, देश ने 7.5 प्रतिशत की विकास दर हासिल की, जिसमें कृषि का योगदान 5.4 प्रतिशत था। कृषि अभी भी भारतीय अर्थव्यवस्था के 18 प्रतिशत से अधिक का हिस्सा है, और हमारी 50 प्रतिशत आबादी के लिए आजीविका का स्रोत बनी हुई है।” खेती को किसानों के लिए लाभदायक बनाना और भारत को एक वैश्विक खाद्य टोकरी के रूप में स्थापित करना सरकार की प्राथमिकताएं हैं।
चौहान ने पंजाब की मिट्टी को नमन करते हुए कहा, “मैं पंजाब की उस मिट्टी को नमन करता हूं जिसके किसानों ने देश के खाद्य भंडार को बनाए रखने में प्रमुख भूमिका निभाई है। एक समय था जब हमें अमेरिका से आयातित निम्न-गुणवत्ता वाले गेहूं का उपभोग करने के लिए मजबूर होना पड़ता था, लेकिन आज, हम न केवल उच्च-गुणवत्ता वाले गेहूं और चावल का उत्पादन करते हैं, बल्कि उनका निर्यात भी करते हैं। भारतीय बासमती चावल की विदेशों में भारी मांग है। हालांकि, हमें और आगे बढ़ना चाहिए। हमारा लक्ष्य अपने किसानों को समृद्ध बनाना और कृषि क्षेत्र में पूर्ण विकास हासिल करना है।”