यूपी उच्च शिक्षा सेवा आयोग कर्मचारियों के नियमितीकरण का आदेश जारी।
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा सेवा आयोग के कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में इन कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि वित्तीय तंगी संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ एक ‘जादुई तावीज’ नहीं है। यह फैसला लाखों कर्मचारियों के लिए एक मिसाल बनेगा, जो लंबे समय से अपनी नौकरी नियमित होने का इंतजार कर रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निष्पक्षता और न्याय वित्तीय तंगी से अधिक महत्वपूर्ण हैं। कोर्ट का मानना था कि राज्य सरकार कर्मचारियों के अधिकारों का हनन नहीं कर सकती, भले ही उसकी वित्तीय स्थिति अच्छी न हो। कोर्ट ने यह भी कहा कि लंबे समय तक काम कर रहे कर्मचारियों को नियमित करना सरकार की जिम्मेदारी है।
इस फैसले ने उन सभी कर्मचारियों के लिए उम्मीद जगाई है, जो अस्थायी पदों पर काम कर रहे हैं। यह फैसला सरकार को कर्मचारियों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए मजबूर करेगा। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय न्यायपालिका की स्वतंत्रता और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।



