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अमेरिका के टैरिफ से भारतीय समुद्री उत्पादों के निर्यात पर बड़ा असर, ₹600 करोड़ का नुकसान संभव
नई दिल्ली: अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने के फैसले का भारतीय समुद्री खाद्य उत्पाद (सीफूड) निर्यात पर भारी असर पड़ सकता है।
एक्सपोर्टर्स का कहना है कि इससे लगभग ₹600 करोड़ का नुकसान होगा।
- अमेरिका ने भारतीय सीफूड पर टैरिफ बढ़ाने का फैसला लिया है।
- इससे भारतीय समुद्री उत्पादों का निर्यात महंगा हो जाएगा।
- सीफूड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEAI) के अध्यक्ष ने चिंता जताई।
- उन्होंने कहा कि निर्यातकों को ₹600 करोड़ का सीधा नुकसान हो सकता है।
- फिलहाल सैकड़ों कंटेनर कोल्ड स्टोरेज में भेजे जाने का इंतजार कर रहे हैं।
- अमेरिका भारतीय सीफूड का सबसे बड़ा बाजार है।
- टैरिफ से भारतीय उत्पाद प्रतिस्पर्धा में पिछड़ सकते हैं।
- इससे ऑर्डर कैंसिल होने की आशंका भी जताई जा रही है।
- आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और गुजरात जैसे राज्यों को ज्यादा नुकसान होगा।
- झींगा (Prawn) निर्यात पर खास असर पड़ेगा, जो भारत का प्रमुख सीफूड निर्यात है।
- अमेरिका का यह कदम व्यापार घाटे को लेकर उठाया गया माना जा रहा है।
- भारतीय सीफूड उद्योग पहले से ही ग्लोबल मांग में गिरावट से जूझ रहा है।
- टैरिफ से उत्पादन और पैकिंग यूनिटों में काम धीमा पड़ सकता है।
- इससे मजदूरों और मछुआरों की आजीविका पर असर पड़ेगा।
- भारत सरकार इस मुद्दे पर अमेरिका से बातचीत की तैयारी में है।
- निर्यातक संघों ने सरकार से राहत की मांग की है।
- कुछ निर्यातक वैकल्पिक बाजारों जैसे यूरोप और मध्य पूर्व की तरफ रुख कर सकते हैं।
- लेकिन अमेरिकी बाजार का नुकसान भरना आसान नहीं होगा।
- विशेषज्ञों का मानना है कि यह झटका लंबे समय तक असर डालेगा।
- सरकार को रणनीतिक हस्तक्षेप कर उद्योग को राहत देने की जरूरत है।
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