न्यायालय ने टिप्पणी की कि सड़कों की दयनीय दशा से आम लोगों को रोजाना भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और इससे यातायात सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। यह सख्त कार्रवाई सड़कों की मरम्मत और रखरखाव में नागरिक निकायों की लापरवाही को उजागर करती है। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं द्वारा पेश की गई सड़कों की तस्वीरों और दशा का गंभीरता से नोटिस लिया।
अदालत ने संबंधित अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए कहा कि वे अपने-अपने अधिकार क्षेत्रों का तुरंत निरीक्षण करें। कोर्ट ने अधिकारियों को बिना किसी और देरी के मरम्मत का काम सुनिश्चित करने का स्पष्ट आदेश दिया है। न्यायालय ने अगली सुनवाई में मरम्मत की प्रगति रिपोर्ट जमा करने को कहा है, जिससे कार्रवाई की जवाबदेही तय की जा सके। हाई कोर्ट का यह हस्तक्षेप सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम है।
न्यायालय ने चेतावनी दी है कि यदि अधिकारी दिए गए निर्देशों का पालन करने में विफल रहते हैं, तो उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जा सकती है। इस फैसले से कटक के निवासियों को राहत मिलने की उम्मीद जगी है, जो लंबे समय से खराब सड़कों की वजह से परेशान थे। अब नागरिक प्राधिकरणों को तेजी से मरम्मत कार्य शुरू करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि सड़कें जल्द ही उपयोग के लिए सुरक्षित हो जाएं। न्यायालय की सख्ती ने सरकारी कामकाज की धीमी गति पर सवाल खड़ा कर दिया है।



