
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने पीलीभीत में समाजवादी पार्टी (SP) के कार्यालय से जुड़े एक विवाद में पार्टी की याचिका को खारिज कर दिया है। शीर्ष अदालत ने समाजवादी पार्टी को इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया है। यह फैसला समाजवादी पार्टी के लिए एक झटका माना जा रहा है, जिसने सीधे सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने इस मामले में अपील दायर करने में हुई अत्यधिक देरी पर गंभीर आपत्ति जताई। न्यायालय ने अपने आदेश में विशेष रूप से रेखांकित किया कि उच्च न्यायालय के 1 दिसंबर, 2020 के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने में 998 दिनों की भारी देरी हुई थी। इतनी लंबी देरी को देखते हुए, उच्चतम न्यायालय ने याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और पार्टी को पहले संबंधित उच्च न्यायालय में अपनी बात रखने के लिए कहा। यह न्यायिक प्रक्रिया के पालन के महत्व को दर्शाता है।
पीलीभीत पार्टी कार्यालय से जुड़ा यह विवाद है। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय कानूनी प्रक्रियाओं के पालन और निर्धारित समय-सीमा के महत्व को रेखांकित करता है। यह दिखाता है कि न्यायालय समय पर न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रक्रियात्मक नियमों का भी सख्ती से पालन करते हैं। अब समाजवादी पार्टी को इस मामले में आगे बढ़ने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख करना होगा और वहां अपनी दलीलें पेश करनी होंगी।