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आजकल स्वस्थ खानपान की दिशा में एक नया दृष्टिकोण सामने आया है, जिसे पीएच डाइट या एल्कलाइन डाइट के नाम से जाना जाता है।

इस डाइट में ऐसे खाद्य पदार्थों पर जोर दिया जाता है जो शरीर में क्षारीय (एल्कलाइन) वातावरण बनाते हैं।

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सवाल यह है कि यह दावा कितना सच है कि खाद्य पदार्थों के माध्यम से शरीर के पीएच स्तर को समायोजित करके स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है।

विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हैं कि भोजन विकल्पों के माध्यम से शरीर के पीएच स्तर को कुछ हद तक प्रभावित किया जा सकता है, जिससे स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। एल्कलाइन डाइट में मुख्य रूप से फल, सब्जियां, नट्स और बीज शामिल होते हैं, जबकि मांस, डेयरी उत्पाद और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों को सीमित किया जाता है। सिद्धांत यह है कि इन क्षारीय खाद्य पदार्थों का सेवन शरीर को बीमारियों से बचाने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है।

हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मानव शरीर में रक्त का पीएच स्तर एक बहुत ही संकीर्ण सीमा में कसकर नियंत्रित होता है और भोजन से इसमें बड़ा बदलाव नहीं आता है। हमारे गुर्दे और फेफड़े पीएच संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। फिर भी, कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि एल्कलाइन डाइट कुछ व्यक्तियों में एसिडिटी को कम करने और हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने जैसे लाभ प्रदान कर सकती है। इसलिए, इस डाइट के संभावित लाभों को समझने के लिए और अधिक वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है।

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