उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने दवा कंपनी स्रेसन फार्मा (Sresan Pharma) में अतीत में 300 से अधिक उल्लंघन (Violations) और अनियमितताएँ पाई थीं। यह जानकारी दवा सुरक्षा और नियामक निगरानी पर गंभीर प्रश्न खड़े करती है।
स्वास्थ्य सचिव सेंथिल कुमार ने खुलासा किया कि राज्य के ड्रग कंट्रोल अधिकारियों ने 2021 और 2022 में कंपनी के विनिर्माण संयंत्र (Manufacturing Plant) का बार-बार निरीक्षण किया था। इन नियमित निरीक्षणों के दौरान ही स्रेसन फार्मा में 300 से अधिक नियमों के उल्लंघन को दस्तावेजित किया गया था। ये अनियमितताएँ उत्पादन मानकों (Production Standards), स्वच्छता और गुणवत्ता नियंत्रण से संबंधित थीं। सचिव ने कहा कि बार-बार चेतावनी दिए जाने के बावजूद कंपनी ने जरूरी सुधार नहीं किए। इस घोर लापरवाही के कारण ही कथित तौर पर दूषित कफ सिरप का उत्पादन हुआ, जिसने कई मासूमों की जान ले ली।
राज्य सरकार ने अब स्रेसन फार्मा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। स्वास्थ्य सचिव ने आश्वासन दिया है कि दवा निर्माण में नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति या कंपनी को बख्शा नहीं जाएगा।



