सफेद झाग फैल गया है, जिसने समुद्र तट के एक बड़े हिस्से को ढक लिया है। यह स्थिति पिछले कुछ दिनों से हो रही तेज बारिश के चलते झील के जलस्तर में वृद्धि के परिणामस्वरूप देखी गई है। सुरक्षा के मद्देनजर झील से पानी निकाला जा रहा है।
झील से निकाला गया अतिरिक्त पानी शहर के कई इलाकों से गुजरकर समुद्र में मिलता है। अधिकारियों ने बताया कि पानी के रास्ते में जमा कचरा और प्रदूषित पदार्थ इस पानी के साथ मिलकर समुद्र तक पहुँचते हैं। जब यह प्रदूषित पानी समुद्र के पानी के साथ हलचल करता है, तो इसमें मौजूद रासायनिक और जैविक अपशिष्टों के कारण यह सफेद झाग बनता है। पट्टिनपाक्कम से श्रीनिवासपुरम तक तट का एक लंबा हिस्सा इस गाढ़े झाग से अक्सर ढक जाता है, जो जल प्रदूषण की गंभीरता को दर्शाता है।
इस झाग के कारण समुद्र तट की खूबसूरती पर असर पड़ा है और इससे तटीय इलाकों में रहने वाले मछुआरों की आजीविका भी प्रभावित होती है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह झाग त्वचा के लिए हानिकारक हो सकता है और समुद्री जीवन को भी नुकसान पहुँचाता है। स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को इससे दूर रहने की सलाह दी गई है। प्रशासन को इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए प्रदूषण नियंत्रण पर ध्यान देने की आवश्यकता है।



