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हिमालय में पर्माफ्रॉस्ट पिघलना आपदाओं का प्रमुख कारण बन रहा।

श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर: हिमालयी क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती संख्या के पीछे एक नया और गंभीर खतरा सामने आ रहा है: पर्माफ्रॉस्ट का पिघलना।

विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण पर्माफ्रॉस्ट का पिघलना भूस्खलन और अचानक बाढ़ जैसी आपदाओं का एक प्रमुख कारण बन रहा है। यह स्थिति हिमालय में रहने वाले लाखों लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।

रिमोट सेंसिंग के विशेषज्ञ, प्रोफेसर इरफान राशिद ने बताया कि उपग्रह चित्रों के शुरुआती मूल्यांकन से पता चलता है कि हाल ही में किश्तवाड़ में हुई चिश्तोती आपदा के पीछे पर्माफ्रॉस्ट का पिघलना ही था। पर्माफ्रॉस्ट, यानी स्थायी रूप से जमी हुई मिट्टी, जब पिघलती है, तो वह पहाड़ों को अस्थिर कर देती है, जिससे भूस्खलन की संभावना बढ़ जाती है।

यह घटना दिखाती है कि हिमालयी क्षेत्र जलवायु परिवर्तन के प्रति कितने संवेदनशील हैं। सरकार और वैज्ञानिकों को इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। पर्माफ्रॉस्ट पिघलने से न केवल भूस्खलन होते हैं, बल्कि यह नदियों के प्रवाह को भी प्रभावित कर सकता है।

 

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