सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात प्रोफेसरों के कम वेतन पर कड़ी नाराजगी।
कहा 'जब शिक्षकों को गरिमा नहीं मिलती.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के कॉलेजों में प्रोफेसरों को दिए जा रहे कम वेतन पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। कोर्ट ने कहा कि जब शिक्षकों को सम्मानजनक व्यवहार नहीं मिलता, तो समाज में शिक्षा का स्तर गिर जाता है। यह टिप्पणी एक याचिका की सुनवाई के दौरान की गई, जिसमें प्रोफेसरों ने अपने वेतनमान में विसंगतियों को दूर करने की मांग की थी।
शीर्ष अदालत ने कहा कि केवल “गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः” का पाठ करना ही काफी नहीं है, बल्कि यह कार्य में भी दिखना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि शिक्षक समाज का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं और उनके साथ गरिमापूर्ण व्यवहार किया जाना चाहिए। उन्हें उचित वेतन और सुविधाएं मिलनी चाहिए, ताकि वे बिना किसी आर्थिक चिंता के अपना काम कर सकें।
इस फैसले ने एक बार फिर से शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की दुर्दशा पर ध्यान आकर्षित किया है। कोर्ट ने गुजरात सरकार को इस मामले में आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है। यह फैसला पूरे देश में शिक्षकों के वेतन और सम्मान से जुड़े मुद्दों पर एक मिसाल बन सकता है।



