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उद्योगों के नए प्रदूषण वर्गीकरण से बदलेगी देश की पर्यावरण नीति.

सीपीसीबी का कदम भविष्य की औद्योगिक संरचना को प्रभावित करेगा.

रांची : उद्योगिक विकास और पर्यावरण सुरक्षा के बीच संतुलन की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। ऐसे में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का नया वर्गीकरण एक दूरदर्शी कदम माना जा रहा है। यह प्रणाली उद्योगों को उनके प्रदूषण भार और तकनीकी इस्तेमाल के आधार पर श्रेणियों में विभाजित करती है।
देश में पहली बार घरेलू अपशिष्ट प्रबंधन से जुड़ी सेवाओं को नीली श्रेणी में शामिल किया गया है, जो यह बताता है कि पर्यावरण संरक्षण अब व्यापक रूप ले रहा है। लाल श्रेणी की कड़ी निगरानी और सफेद श्रेणी की सरल अनुमति प्रक्रिया से नई औद्योगिक नीति का ढांचा और मजबूत होगा।
मुख्य बात यह है कि 403 क्षेत्रों में किया गया यह वर्गीकरण औद्योगिक विकास के साथ-साथ पर्यावरण सुरक्षा के लक्ष्यों को भी ध्यान में रखता है। आने वाले समय में यह प्रणाली उद्योगों को स्वच्छ तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित करेगी।

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