रांची : मंगलवार को जब कर्ण सत्यार्थी एसीबी दफ्तर पहुंचे तो माहौल गंभीर था. अधिकारी ने उनसे पहला सवाल किया — फर्जी बैंक गारंटी वाली एजेंसी को ठेका कैसे मिला? सत्यार्थी ने इसका लिखित जवाब दिया. इसके बाद अगला सवाल आया — जब मामला सामने आया तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई? इस पर उन्होंने घटनाक्रम समझाया.
जांच अधिकारी ने उनसे शराब MRP से ज्यादा दाम पर बेचने की प्रक्रिया और कमीशन नेटवर्क के बारे में भी पूछा. बातचीत के दौरान जांच अधिकारियों ने कई दस्तावेज भी दिखाए, जिन पर सत्यार्थी ने अपनी टिप्पणी दर्ज की. यह पूछताछ करीब कई चरणों में चली.
सूत्रों के अनुसार, सत्यार्थी और फैज अक अहमद मुमताज के बयान जांच में नई दिशा देने वाले हैं. दोनों को गवाह बनाए जाने की संभावना बढ़ गई है. अब एसीबी सबूतों और बयानों का मिलान कर रही है और आगे बड़ी कार्रवाई तय की जाएगी।



