जयपुर, राजस्थान: राजस्थान की प्रसिद्ध सांभर झील में प्रवासी पक्षियों (Migratory Birds) की लगातार हो रही मौतों और बड़ी संख्या में पक्षियों के घायल होने के बाद वन विभाग ने स्थिति का जायजा लेने के लिए एक विस्तृत सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। यह घटना वन्यजीव प्रेमियों और अधिकारियों के लिए एक गंभीर पर्यावरणीय चिंता का विषय बन गई है। पिछले वर्षों में भी इस झील में इसी तरह की सामूहिक मौतें देखी गई थीं।
जयपुर के जिला वन अधिकारी (DFO) वी. केतन कुमार ने बताया कि सर्वेक्षण के लिए ड्रोन (Drones) का उपयोग किया जा रहा है, ताकि उन क्षेत्रों की भी निगरानी की जा सके जहाँ पैदल पहुँचना असंभव है। ड्रोन से प्राप्त फुटेज और डेटा से पक्षियों की मौत के पैटर्न और कारणों को समझने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, घायल पक्षियों के उपचार के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएँ की गई हैं और उन्हें बचाने के लिए पशु चिकित्सकों की टीमें काम कर रही हैं।
अधिकारियों ने आशंका जताई है कि पक्षियों की मौत का कारण बोटुलिज्म (Botulism) या पर्यावरण प्रदूषण हो सकता है। झील के पानी और मिट्टी के नमूने एकत्र किए गए हैं और उन्हें जाँच के लिए भेजा गया है ताकि मौत के सही कारण का पता लगाया जा सके। वन विभाग, झील के पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने और प्रवासी पक्षियों के सुरक्षित प्रवास को सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठा रहा है। यह सर्वेक्षण सांभर झील की नाजुक जैव विविधता की रक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।



