एफजेसीसीआई ने झारखंड व्यापार में डिजिटल और स्वास्थ्य सुधार बढ़ाए.
डाटा अपग्रेडेशन एंड आईटी समिति ने डिजिटल पारदर्शिता को प्राथमिकता दी है.
जबकि आयुष समिति ने स्वस्थ समाज निर्माण पर फोकस रखा है।
यह संयोजन दिखाता है कि व्यापार संगठन अब सामाजिक जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं।
राजीव सहाय और प्रवीण लोहिया ने डेटा प्रबंधन को पारदर्शिता की रीढ़ बताया।
पत्रिका समिति ने भी संवाद को सशक्त बनाने का संकल्प लिया।
अनिश बुधिया ने कहा कि संगठन की गतिविधियों को जन-जन तक पहुंचाना अब प्राथमिकता होगी।
आयुष समिति की योजनाओं ने भी दिखाया कि एफजेसीसीआई अब सिर्फ व्यापारिक मंच नहीं, बल्कि सामाजिक संस्था की भूमिका निभा रहा है।
रमाशंकर बागडिया का एक्यूप्रेशर शिविर इसी दिशा में एक बड़ा कदम है।
इन पहलों से एफजेसीसीआई एक आधुनिक और मानवीय संगठन के रूप में उभर रहा है।
तकनीक, पारदर्शिता और स्वास्थ्य — इन तीन स्तंभों पर आधारित यह रणनीति भविष्य के संगठनात्मक मॉडल की झलक देती है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि इस दिशा में बढ़ना राज्य के औद्योगिक माहौल को नई दिशा देगा।
यह बदलाव झारखंड के कारोबारी तंत्र को “डिजिटल युग के अनुरूप” बना सकता है।
एफजेसीसीआई की यह दृष्टि आने वाले समय में पूरे पूर्वी भारत के व्यापार मॉडल को प्रभावित कर सकती है।



