सीसीएल परिसर में गूंजे बिरसा मुंडा के सम्मानित जयकारे आज.
जनजातीय गौरव वर्ष कार्यक्रम में आदिवासी स्वाभिमान को मिली नई ऊर्जा.
रांची में सीसीएल मुख्यालय शनिवार को अद्भुत उत्साह का केंद्र बना रहा। जनजातीय गौरव वर्ष 2025 के अवसर पर कर्मचारियों ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मनाई। कार्यक्रम की शुरुआत आदिवासी संस्कृति की परंपरागत विधियों के साथ की गई। प्रतिमा पर पुष्प अर्पण के दौरान पूरा माहौल भावुक हो उठा। सीएमडी निलेंदु कुमार सिंह ने कहा कि बिरसा मुंडा की जयंती सिर्फ कार्यक्रम नहीं, बल्कि प्रेरणा का प्रतीक है। सीवीओ पंकज कुमार और अन्य अधिकारियों ने भी श्रद्धांजलि देते हुए उनके जीवन को समझने की अपील की। कई यूनियन प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
दूसरे चरण में सांस्कृतिक समूहों ने आदिवासी परंपरा पर आधारित गायन और नृत्य प्रस्तुत किया। मंच से बार-बार बिरसा मुंडा अमर रहें के नारे गूंजते रहे। वक्ताओं ने बताया कि बिरसा मुंडा का जल-जंगल-जमीन आंदोलन आज भी आदिवासी पहचान की नींव है। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि आधुनिक समय में उनके मूल्यों को लागू करना बेहद आवश्यक है। कर्मचारियों ने माना कि बिरसा मुंडा को याद करना भविष्य को सही दिशा देने जैसा है। कई अधिकारियों ने उनसे जुड़े प्रसंग साझा किए। कार्यक्रम में मौजूद युवाओं ने उनकी जयंती को ऐतिहासिक अवसर बताया।
अंत में प्रबंधन ने कहा कि इस वर्ष कई जनजातीय कल्याण गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। आयोजन समिति ने आगंतुकों को धन्यवाद दिया। लोगों ने कहा कि यह कार्यक्रम सामाजिक एकता की मिसाल है। कर्मचारियों ने इसे प्रेरणा से भरा आयोजन करार दिया। परिसर में पूरे दिन उत्सव जैसा माहौल रहा। अंत तक श्रद्धांजलि देने वालों का सिलसिला चलता रहा। इस कार्यक्रम ने बिरसा मुंडा के 150वें वर्ष को अविस्मरणीय बना दिया।



