
इस योजना के तहत 23,162 श्रमिक परिवारों को यह सहायता दी गई है।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को राज्य सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में इस बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि श्रमिकों के सशक्तिकरण के लिए उनकी सरकार लगातार काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग की पहल के बाद गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को भी संबल योजना में शामिल किया गया है।
इन श्रमिकों का पंजीकरण प्रक्रिया जारी है, जिससे वे भी अब परंपरागत श्रमिकों की तरह लाभ उठा सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि योजना के तहत लाभार्थियों को राशन कार्ड भी दिए जाते हैं।
इन कार्डों के माध्यम से राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत सस्ती दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है।
संबल योजना राज्य के असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक प्रमुख कल्याणकारी योजना है।
योजना के तहत दुर्घटना में मृत्यु होने पर 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाती है।
प्राकृतिक मृत्यु पर 2 लाख रुपये की सहायता राशि का प्रावधान है।
स्थायी विकलांगता होने पर 2 लाख रुपये दिए जाते हैं।
आंशिक विकलांगता के मामले में 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिलती है।
इसके अलावा अंतिम संस्कार के लिए 5,000 रुपये की सहायता राशि भी दी जाती है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि उनकी सरकार श्रमिकों के हित में लगातार काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि योजना का उद्देश्य श्रमिकों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है।
योजना के माध्यम से हजारों परिवारों को संकट की घड़ी में आर्थिक राहत मिल रही है।
प्रदेश सरकार ने इस योजना के तहत अब तक लाखों श्रमिकों को लाभ पहुंचाया है।
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे पात्र श्रमिकों का जल्द से जल्द पंजीकरण कराएं।