States

बीकानेर के कुम्हारों के लिए चीनी उत्पादों से निर्माण मुश्किल हुआ.

बीकानेर, राजस्थान: राजस्थान के बीकानेर में पारंपरिक मिट्टी के दीये बनाने वाले कारीगरों के सामने अब रोजी-रोटी का गंभीर संकट खड़ा हो गया है।

दीपावली के पर्व को रोशन करने वाले ये कारीगर, बाजार में सस्ते और आकर्षक चीनी उत्पादों की बढ़ती घुसपैठ के कारण परेशान हैं। कारीगरों का कहना है कि उनका पुश्तैनी काम अब लाभदायक नहीं रहा और परिवार का गुजारा चलाना एक कठिन चुनौती बन गया है।

कारीगरों ने दुःख व्यक्त करते हुए बताया कि त्योहार के लिए वे महीनों तक मेहनत करते हैं और बड़ी मात्रा में दीये तैयार करते हैं। पीढ़ी-दर-पीढ़ी यह काम करते आ रहे कारीगरों का कहना है कि पहले दीवाली के मौसम में दीयों की बिक्री से पूरे साल का खर्च निकल जाता था। लेकिन, पिछले कुछ वर्षों से बाजार में सस्ते दाम पर उपलब्ध चाइनीज झालरों और कृत्रिम दीयों के कारण मिट्टी के दीयों की मांग काफी कम हो गई है। ग्राहक अब सुविधा और कम कीमत के चक्कर में इलेक्ट्रॉनिक और चाइनीज लाइटों को प्राथमिकता दे रहे हैं।

इस स्थिति के कारण कारीगरों को भारी निराशा हो रही है, क्योंकि वर्ष भर की मेहनत के बाद भी उन्हें उचित मेहनताना नहीं मिल पा रहा है। उनका स्टॉक बिना बिका रह जाता है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। कारीगरों ने सरकार से स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने और चीनी सामानों पर नियंत्रण लगाने की मांग की है। यह केवल आजीविका का सवाल नहीं, बल्कि भारत की सदियों पुरानी मिट्टी कला और परंपरा को बचाने का भी विषय है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button