नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक कड़ा रुख अपनाते हुए राजनीतिक दलों को झटका दिया है। अदालत ने उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर झंडे लगाने पर रोक लगाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, “आप राजनीतिक लाभ के लिए सरकारी जमीन का उपयोग कैसे कर सकते हैं?”
यह मामला मद्रास हाईकोर्ट के 27 जनवरी को दिए गए एक फैसले से जुड़ा है। उस समय, हाईकोर्ट की एकल-न्यायाधीश पीठ ने सभी राजनीतिक दलों को सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए झंडों को हटाने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि यह राजनीतिक दलों के अधिकारों का उल्लंघन है।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि सार्वजनिक स्थानों का उपयोग किसी भी राजनीतिक दल द्वारा अपने लाभ के लिए नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि यह सार्वजनिक संपत्ति है और इसका उपयोग सभी नागरिकों के लिए होना चाहिए। यह फैसला न केवल राजनीतिक दलों के लिए एक सबक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।



