
राहत कार्यों के दौरान अभी भी कई शव मलबे से बरामद हो रहे हैं, जिससे यह आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है।
मुख्य बातें:
- भूकंप की तीव्रता 7.2 मापी गई।
- सबसे अधिक तबाही यांगून और मांडले में हुई।
- हजारों घर और इमारतें जमींदोज हो गईं।
- बचाव कार्य में सेना और पुलिस लगी हुई है।
- स्थानीय रिपोर्टों में मरने वालों की संख्या और अधिक बताई जा रही है।
- सरकारी आंकड़ों और मीडिया रिपोर्ट्स में बड़ा अंतर है।
- अभी भी कई लोग लापता हैं।
- सरकार ने राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया।
- विदेशी सहायता समूहों से मदद मांगी गई।
राहत कार्यों की स्थिति:
- रेड क्रॉस और अन्य संस्थाएं राहत में जुटी हैं।
- बिजली और संचार सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हैं।
- भूकंप के बाद कई आफ्टरशॉक्स महसूस किए गए।
- भोजन और पानी की किल्लत बढ़ रही है।
- मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए विशेष टीमें तैनात।
- सरकार ने पुनर्वास योजनाओं पर काम शुरू किया।
- जगह-जगह राहत शिविर लगाए गए।
- सड़कों और पुलों को भारी नुकसान पहुंचा।
- पड़ोसी देशों से सहायता की उम्मीद।
- संयुक्त राष्ट्र ने भी राहत कार्यों में मदद देने की बात कही।