
नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत पर लगाए जा रहे टैरिफ की धमकियों के बीच, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल रूस के दौरे पर हैं। उनका यह दौरा भले ही पहले से तय था, लेकिन अब इसका महत्व और भी बढ़ गया है, क्योंकि डोनाल्ड ट्रम्प लगातार भारत को रूस से कच्चे तेल खरीदने के लिए उच्च टैरिफ की धमकी दे रहे हैं।
डोभाल की यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग को और बढ़ाना है। दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक रूप से मजबूत संबंध रहे हैं, खासकर रक्षा और ऊर्जा के क्षेत्र में। भारत रूस से कई महत्वपूर्ण सैन्य उपकरण खरीदता है, और रूस भी भारत के सबसे बड़े ऊर्जा आपूर्तिकर्ताओं में से एक है। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार, खासकर रक्षा सौदों और ऊर्जा सहयोग पर चर्चा होने की उम्मीद है।
यह यात्रा एक महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक मोड़ पर हो रही है, जहाँ भारत को अपनी विदेश नीति और व्यापारिक हितों को संतुलित करना पड़ रहा है। भारत ने हमेशा यह स्पष्ट किया है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों के अनुसार काम करेगा और किसी भी बाहरी दबाव के आगे नहीं झुकेगा। अजीत डोभाल का रूस दौरा इसी नीति का एक हिस्सा माना जा रहा है, जहाँ भारत अपने पारंपरिक सहयोगियों के साथ संबंधों को और मजबूत करना चाहता है।