वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की हालिया रिपोर्ट ने स्थिति को चिंताजनक बताया है।
अध्ययन में कहा गया है कि आने वाले वर्षों में राज्य का तापमान 1.5 से 4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। यह वृद्धि राज्य की जलवायु, कृषि, और जल संसाधनों पर भारी असर डालेगी। वन क्षेत्र में नमी की कमी और वर्षा में असमानता जैसी स्थितियां देखने को मिल सकती हैं।
विभाग ने इस संकट से निपटने के लिए कार्बन क्रेडिट परियोजनाओं की पहचान शुरू कर दी है। साथ ही विभिन्न जिलों में पर्यावरणीय निगरानी को मजबूत किया जा रहा है। विशेषज्ञों ने जनता से भी हरित पहल को बढ़ाने की अपील की है।



