
बीजेपी विधायक रुपज्योति कुरमी ने विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया और रायजोर दल के विधायक अखिल गोगोई का माइक तोड़ने की धमकी दी।
इसके अलावा, विधायक शरमन अली को भी धमकाते हुए कुरमी ने उन्हें उनकी सीट से खदेड़ दिया।
इस घटना के बाद विपक्षी दलों ने कुरमी को सत्र से निष्कासित करने की मांग की।
डिप्टी स्पीकर डॉ. नोमल मोमिन ने स्थिति को संभाला और बाद में कुरमी ने अपने व्यवहार के लिए माफी मांगी।
हालांकि, विपक्षी दलों ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताई और कुरमी के माफी मांगने के बावजूद सख्त कार्रवाई की मांग की।
हंगामे की शुरुआत तब हुई जब रायजोर दल के विधायक गोगोई ने कुरमी के भाषण के दौरान टिप्पणी की।
इस पर गुस्साए कुरमी ने गोगोई को चिल्लाते हुए धमकी दी कि वह उनके माइक को तोड़ देंगे।
कुरमी ने कहा, “मैं आपके पास आऊंगा और आपका माइक तोड़ दूंगा। जब मैं बोल रहा हूं तो मुझे बाधा मत दीजिए।”
इसके बाद नेता प्रतिपक्ष देबब्रत सैकिया और विधायक शरमन अली ने कुरमी को तत्काल सत्र से बाहर करने की मांग की।
इस दौरान कुरमी ने शरमन अली को भी धमकाते हुए उनकी ओर बढ़ने का प्रयास किया।
डिप्टी स्पीकर के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ।
घटना के बाद विपक्ष ने सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाया।
कुरमी की इस हरकत को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है।
बीजेपी ने अपने विधायक के व्यवहार को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मामले को समाप्त करने की अपील की।
कांग्रेस और रायजोर दल के नेताओं ने कहा कि इस घटना को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।
विपक्ष का कहना है कि अगर कुरमी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो वे प्रदर्शन करेंगे।
इस घटना ने असम की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे दिया है।
इस हंगामे के बाद विधानसभा में तनाव का माहौल बना हुआ है।