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शराब आपूर्ति घोटाला बताता है व्यवस्था में कितनी गहरी लापरवाही है.

एसीबी की गिरफ्तारी से साफ हुआ कि साजिश योजनाबद्ध थी.

रांची : देशी शराब घोटाला केवल एक कारोबारी धोखाधड़ी नहीं, बल्कि प्रशासनिक निगरानी की गंभीर असफलता का संकेत है। जब बोतलों में कांच के टुकड़े मिले, तब यह समझना कठिन नहीं था कि यह साधारण गलती नहीं है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई आवश्यक है।
एसीबी द्वारा राजेंद्र जयसवाल की गिरफ्तारी सही दिशा में उठाया गया कदम है। इससे स्पष्ट है कि इस पूरे खेल में कई लोग शामिल हो सकते हैं। जनता की सुरक्षा के लिए इस तरह के नेटवर्क को खत्म करना जरूरी है।
सरकार को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि शराब आपूर्ति प्रणाली पारदर्शी और सुरक्षित हो। उम्मीद है कि आने वाली सुनवाई और जांच में और बड़े खुलासे होंगे। यह मामला भविष्य की नीति निर्धारण पर भी प्रभाव डाल सकता है।

 

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