
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने चीन के इस कदम को “व्यर्थ और बेतुका” बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इस तरह के प्रयास इस “निःसंदेह” वास्तविकता को नहीं बदलेंगे कि अरुणाचल प्रदेश “था, है, और हमेशा” भारत का अभिन्न अंग रहेगा।
यह पांचवीं बार है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नाम बदले हैं। चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है।
भारत का यह कड़ा रुख चीन की लगातार क्षेत्रीय दावों को मजबूत करने की कोशिशों के खिलाफ है। दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर लंबे समय से विवाद है। भारत ने हमेशा अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावों को खारिज किया है और इस क्षेत्र को अपना अभिन्न अंग बताया है।